अच्छी और बुरी स्मृतियाँ
अंततः इंसान अच्छी और बुरी स्मृतियों से ज़्यादा कुछ नहीं। ~ मनीष शर्मा
अंततः इंसान अच्छी और बुरी स्मृतियों से ज़्यादा कुछ नहीं। ~ मनीष शर्मा
अक़्सर हम लोग समाज में देखते हैं, कि किसी भी व्यक्ति (महिला व पुरूष) को सामाजिक, आर्थिक रूप से तोड़ने, उसको ख़ुद की ही नज़र में गिराने और उसकी प्रतिष्ठा ख़त्म करने के उद्देश्य से चरित्र हनन (Character Assassination) किया जाता रहा है। कईं बार चरित्र हनन वास्तविक होता है, कईं बार झूठा। जहाँ वास्तविक…