Counsellor | Writer | Poet | Lyricist | Composer | Singer.
JMFA 2017 Winner of the best lyricist.
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यायावरी मेरा मुक़द्दर है
यायावरी मेरा मुक़द्दर है तू मिल जाये तो ये सफ़र यहीं थम जाये ठहर जाये ~ मनीष शर्मा
ईद के चाँद से
तुम्हारे दीदार को हर रोज़ तरसती हैं मेरी आँखें तुम गहरी दोस्ती ना रखो मेहरम ईद के चाँद से ~ मनीष शर्मा
तुम मेरे बारे में बुरा कहो
तुम मेरे बारे में बुरा कहो, बहुत बुरा कहो एक दिन मैं अच्छा, बहुत अच्छा होता चला जाऊँगा ~ मनीष शर्मा
सच सहमा मौन रहा
सच सहमा मौन रहा झूठ नग्न नाचता रहा दोष मुझे ना दे ज़माना गर मैं बाग़ी हो जाऊँ ~ मनीष शर्मा
पूरी दास्ताँ है माँ
सिर्फ़ एक किस्सा होती, तो मैं तुम्हें ज़रूर सुनाता पूरी दास्ताँ है “माँ”, सदियाँ कम पड़ेंगी बखान करने में ~ मनीष शर्मा
कोई भी जाने ना
बेनाम से पथ के पथिक हैं हम सब जाना किसे कहाँ कोई भी जाने ना ~ मनीष शर्मा
