Counsellor | Writer | Poet | Lyricist | Composer | Singer.
JMFA 2017 Winner of the best lyricist.
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सफ़ल होना आसान हो सकता है
सफ़ल होना आसान हो सकता है लेकिन सफ़लता को बनाये रखना बेहद मुश्किल ~ मनीष शर्मा
सँवरने में पूरी उम्र खप जायेगी
ऐ बशर ख़ुद को कभी उजड़ने ना देना क्योंकि सँवरने में पूरी उम्र खप जायेगी ~ मनीष शर्मा
अग़र ज़िंदा हो तुम तो
अग़र ज़िंदा हो तुम तो अपने ज़िंदा होने का अहसास करवाते रहो क्योंकि अस्सी फीसदी लोग पैदा ही सिर्फ़ जनगणना के लिए होते हैं ~ मनीष शर्मा
अपना रूतबा
अपना रूतबा, क़द इतना ऊँचा कर लो कि दुनिया हमें ही फ़लक समझने लगे ~ मनीष शर्मा
व्यक्ति का मूल व्यक्तित्व
व्यक्ति का मूल व्यक्तित्व और उसकी वास्तविक आज़ादी, आर्थिक आज़ादी हासिल करने के बाद दिखाई देती है। ~ मनीष शर्मा
ज़ाइक़ा फ़तह का
जिसकी ज़िंदगी में, कभी कोई आज़ार ना आयी उस शख़्स की ज़ुबाँ ना जाने, ज़ाइक़ा फ़तह का ~ मनीष शर्मा

