कोई कुछ नया तो नहीं करता
कोई कुछ नया तो नहीं करता है जहान में जहाँ कल कोई और था वहाँ आज हम हैं ~ मनीष शर्मा
कोई कुछ नया तो नहीं करता है जहान में जहाँ कल कोई और था वहाँ आज हम हैं ~ मनीष शर्मा
सभी जानते हैं कि सही और ग़लत में फ़र्क़ है क्या ना जाने क्यों फिर भी सभी ग़लत होना चाहते हैं ~ मनीष शर्मा
एक मुदर्रिस ना मिला होता गर हमें ज़िंदगी में हरगिज़ अक़्ल से वाकिफ़ ना हो पाते हम, तुम ~ मनीष शर्मा
अपने आज को, अपने खून से सींचो “मनीष” तुम्हारा कल, निश्चित रूप से सुनहरा होगा ~ मनीष शर्मा
क़ाबिल बनना बहुत ज़रूरी है क्योंकि वक़्त बदलने पर ये दुनिया तुम्हारी हैसियत पूछेगी, तुम्हारी ख़ैरियत नहीं ~ मनीष शर्मा
एक मुदर्रिस ना मिला होता गर हमें ज़िंदगी में हरगिज़ अक़्ल से वाकिफ़ ना हो पाते हम, तुम ~ मनीष शर्मा
ज़रूरतें जब बेवजह ख़्वाहिशों के लिबास पहन लेती है मुफ़लिसी मुक़द्दर बन इंसान को बे-लिबास कर देती है ~ मनीष शर्मा
थक चुका हूँ मैं, बेक़दरों का लिहाज़ रखते रखते अब इज़्ज़त सिर्फ़ उसी को दूँगा, जो लायक़ होगा ~ मनीष शर्मा
अहंकार ले जाता गर्त में, तो स्वाभिमान दिलाता सम्मान जिसने समझा फ़र्क इनके मध्य का, वो कहलाया महान ~ मनीष शर्मा
कोई भी किसी को तब तक याद नहीं रखता जब तक याद रखने की पुख़्ता वजह ना हो ~ मनीष शर्मा