Counsellor | Writer | Poet | Lyricist | Composer | Singer.
JMFA 2017 Winner of the best lyricist.
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स्नेह पायेगा या ईर्ष्या
व्यक्ति का व्यक्तित्व और उसका व्यवहार तय करता है कि सामने खड़े व्यक्ति से वो अपने लिए स्नेह पायेगा या ईर्ष्या। ~ मनीष शर्मा
दुनिया केवल उसी व्यक्ति को पहचानती है
दुनिया केवल उसी व्यक्ति को पहचानती हैजो व्यक्ति ख़ुद को बहुत अच्छे से जानता है ~ मनीष शर्मा
ज़िंदगी की शाम
ज़िंदगी की शाम कब कहाँ और कैसे ढलेगी, कोई भी तो जाने ना कोई ठोकर खाकर संभल जाता है, कोई ज़िंदगी खोकर भी नहीं ~ मनीष शर्मा
सफ़ल होना आसान हो सकता है
सफ़ल होना आसान हो सकता है लेकिन सफ़लता को बनाये रखना बेहद मुश्किल ~ मनीष शर्मा
सभी अपने दुःख-दर्द से मुक्ति चाहते हैं
सभी अपने दुःख-दर्द से मुक्ति चाहते हैं, किंतु दुःख-दर्द से मुक्ति चाहना, अपने साए से पीछा छुड़ाने के समान है। समंदर को सुखाने के समान है। दर्द ही हमदर्द। ~ मनीष शर्मा
कभी इतने भी ज़ाती राज़ ना खोलें
कभी इतने भी ज़ाती राज़ ना खोलें किसी से यारी में कि दुश्मनी होने पर बर्बादी में कोई कसर ना छोड़े वो ~ मनीष शर्मा

