Counsellor | Writer | Poet | Lyricist | Composer | Singer.
JMFA 2017 Winner of the best lyricist.
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हर एक रस्ता भूल गया मैं
मंज़िल तक पहुँचने का, हर एक रस्ता भूल गया मैं सफ़र में तेरा हाथ, अपने हाथों में थाम लेने के बाद ~ मनीष शर्मा
जो दिख रहा है, वो है नहीं
जो दिख रहा है, वो है नहीं जो है, वो दिख रहा है नहीं आँखें तो दी है मुझे ख़ुदा ने वो नज़र मुझे अता की नहीं ~ मनीष शर्मा
ज़िंदगी किश्तों में गुज़रती रही
जीने की कुछ वजहें हमेशा मरने के ख़्यालात पर भारी रही कुछ चेहरे आँखों के सामने घूमते रहे ज़िंदगी किश्तों में गुज़रती रही ~ मनीष शर्मा
ऐतबार तेरा ना करते
ऐतबार तेरा ना करते तो करते भी किसका यूँ तो देखा हमने उस ख़ुदा को भी नहीं है ~ मनीष शर्मा
पन्ने नहीं पलटे
मुकद्दर की धूल झाड़ रहा हूँ कब से ख़ुदा ने इसके पन्ने नहीं पलटे ~ मनीष शर्मा
आख़िरी दुआ तुम ही हो
ख़ुदा भी बड़ा ख़ुदगर्ज़ समझता होगा मुझे क्योंकि मेरी पहली और आख़िरी दुआ तुम ही हो ~ मनीष शर्मा
