Counsellor | Writer | Poet | Lyricist | Composer | Singer.
JMFA 2017 Winner of the best lyricist.
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सही फ़ैसलों पे
जीवन बीतेगा ख़ुशगवार या गुज़रेगा समझौतों मेंतय होता है ये बाली उमर की क़िताबी मेहनत पे जीवन बीतेगा खुशहाल या गुज़रेगा झमेलों मेंतय होता है ये बाली उमर के सही फ़ैसलों पे जीवन बीतेगा ख़ुशगवार या गुज़रेगा समझौतों मेंतय होता है ये सब कुछ वक़्त और हालातों पे ~ मनीष शर्मा
जीना है कैसे
इस नाक़िस दुनिया में जीना है कैसे दुनिया बनाने वाले ने ये नहीं बताया ~ मनीष शर्मा
पलकें झपक ना जाये कहीं
आँखों की कोर पर कुछ ख़्वाब रखे हैं मैंने डरता हूँ पलकें झपक ना जाये कहीं ~ मनीष शर्मा
मेरी वफ़ा की मिसाल
मेरी वफ़ा की मिसाल वो बेवफ़ा देता फिरता है ज़माने भर में उसकी वफ़ा ना कर पाने की वजह मैं आज तक तलाश रहा हूँ ~ मनीष शर्मा
बेकार घूम रहा हूँ मैं
सभी ने हूनर सीखा बेहिसाब असासा कमाने का दिल जीतने का हूनर सीख बेकार घूम रहा हूँ मैं ~ मनीष शर्मा
मैं बात बदल देता हूँ
मैं जहाँ भी जाता हूँ मेरी ख़ामोशी की वज़ह पूछते हैं लोग लभ पर नाम आता है बेवफ़ा का कि मैं बात बदल देता हूँ ~ मनीष शर्मा
